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कर्नाटक : नई खोज मस्ती का खजाना बाबा बुदनगिरी हिल्स

नेचर फोटोग्राफी के लिए यह स्थल काफी ज्यादा महत्व रखता है, आप यहां के अद्भुत पहाड़ी दृश्यों को अपने कैमरे में उतार सकते है।

डॉ. मधुसूदन नायर by डॉ. मधुसूदन नायर
01/08/2021
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कर्नाटक : नई खोज मस्ती का खजाना  बाबा बुदनगिरी हिल्स
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बाबा बुदनगिरी हिल्स की यात्रा आपके लिए कई मायनो में खास हो सकती है। एक प्रकृति प्रेमी से लेकर रोमांच का शौक रखने वालों के लिए यह स्थल किसी जन्नत से कम नहीं।

यहां का शांत हरा-भरा माहौल सैनानियों को काफी ज्यादा आनंदित और रोमांचित करने का काम करती है। पर्यटक यहां का आकर काफी ज्यादा उत्साहित हो जाते हैं। एडवेंचर का शौक रखने वाले यहां ट्रेकिंग और हाइकिंग का रोमांच भर अनुभव ले सकते हैं।

नेचर फोटोग्राफी के लिए यह स्थल काफी ज्यादा महत्व रखता है, आप यहां के अद्भुत पहाड़ी दृश्यों को अपने कैमरे में उतार सकते है। यह हिल्स पारिवारिक भ्रमण के साथ-साथ दोस्तों के साथ एक यादगार ट्रिप के लिए भी काफी उपयुक्त है।

एक शानदार सफर के लिए आप यहां का प्लान बना सकते हैं।

बाबा बुदनगिरी चिकमंगलूर स्थित एक खूबसूरत पहाड़ है, जो पश्चिमी घाट में बसा हुआ है। इस पहाड़ी का नाम एक सूफी संत बाबा बुदन के नाम पर रखा गया था जो अरब से भारत इस्लाम का संदेश लेकर आए थे।

माना जाता है कि वे अपने साथ यमन के मोचा बंदरगाह से कॉफी के बीज भी लेकर आए थे, और जिसके बाद ही भारत में कॉफी का उत्पादन शुरु हुआ। यहां सूफी संत हजरत दादा हयात खालंदर की दरगाह भी है, जिसके दर्शन के लिए मुस्लिमों के साथ-साथ हिन्दुओं का भी आगमन होता है।

यह पहाड़ी दत्तात्रेय पीठ के नाम से भी जानी जाती है, माना जाता है कि यहां मौजूद एक गुफा में संत दत्तात्रेय ने अपने जीवन के कुछ समय बिताए थे। यहां दत्ता जयंती भी मनाई जाती है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं का आगमन होता है। यह पहाड़ी स्थल प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों रूपों में महत्व रखता है।

चिकमंगलूर दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपने कॉफी के बागानों और उत्पादन के लिए विश्व भर में जाना जाता है। भारत में कॉफी के पौधे उगाने की शुरुआत चिकमंगलूर से ही की गई थी, जिसका

 

बाबा बुदनगिरी समुद्र तल से लगभग 1895 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो प्रकृति प्रेमियों, श्रद्रालुओं और रोमांच का शौक रखने वालों के लिए भी दूर से आकर्षित करती है। आगे जानिए इस पहाड़ी से संबंधित और भी कई महत्वपूर्ण तथ्य ।

चिकमंगलूर एक आदर्श विकल्प है, जहां आप प्रकृति के करीब जाकर कुछ समय फुर्सत के बिता सकते हैं।
यहां घूमने-फिरने के लिए कई शानदार जगहें मौजूद हैं, जिन्हें आप यात्रा के दौरान देख सकते हैं।

यहां आप कुदरती सौंदर्यता का आनंद उठाने के साथ-साथ कई तरह की एडवेंचर गतिविधियां का अनुभव भी ले सकते हैं। चाहे पारिवारिक भ्रमण हो या दोस्तों के साथ ट्रिप प्लान यह पहाड़ी स्थल दोनों के लिए उपयुक्त है।

चिकमंगलूर के प्राकृतिक खजाने से आज हम आपको बाबा बुदनगिरी हिल्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जानिए यह पहाड़ी आपको किस प्रकार आनंदित कर सकती हैं।

बाबा बुदनगिरी हिल्स साल भर भ्रमण करने योग्य स्थल है, जहां आप साल के किसी भी समय जा सकते हैं। लेकिन अगर आप अपने आनंद और रोमांच को दुगना करना चाहते हैं तो यहां का प्लान सितंबर से लेकर मार्च के बीच का बना सकते हैं, इस दौरान यहां मौसम काफी खुशनुमा रहता है और आप आराम से हिल स्टेशन और आसपास के स्थलों का भ्रमण कर पाएंगे।

खासकर सर्दियों के दौरान यहां की खूबसूरती देखने योग्य होती है।

बाबा बुदनगिरी हिल्स की खूबसूरती का आनंद उठाने के साथ-साथ आप यहां आसपास मौजूद पर्यटन आकर्षणों की सैर का आनंद भी ले सकते हैं। बुदनगिरी के नजदीक गुफाओं से लेकर जलप्रपात और कई धार्मिक स्थल मौजूद है, जिन्हें आप अपनी यात्रा डायरी का हिस्सा बना सकते हैं।

यहां का निकटवर्ती आकर्षणों में यहां की प्राचीन गुफाएं, सीतला, गड़ा तीर्थ, गलिकेरे झील आदि शामिल हैं । आप यहां स्थित मणिक्यधर जलप्रपात की सैर करना न भूलें। यह वाटरफॉल बुदनगिरी हिल्स पर स्थित है, जो पर्यटकों को काफी ज्यादा आकर्षित करता है।

बाबा बुदनगिरी हिल्स कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में स्थित है, जहां आप परिवहन के तीनों साधनों की मदद से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम हवाईअड्डा मैंगलौर एयरपोर्ट है, जहां से आप कैब या प्राइवेट टैक्सी के जरिए हिल्स के आधार तक पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग के लिए आप चिकमंगलूर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते है, बेहतर सड़क मार्गों से यह पहाड़ी स्थल राज्य के कई छोटे-बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।

मधुसूदन नायर
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