रौनापार : पुलिस पर हमला करने के मामले में 28 नामजद समेत 143 के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने दो मुकदमों में लोगों को आरोपित बनाया है। पहली कार्रवाई हेड कांस्टेबल मुखराम यादव एवं दूसरी डाक्टर के पुत्र लिट्टन की तहरीर पर की है। पुलिस ने नहीं की तोड़फोड़ : एसओ
रौनापार : पलिया गांव में पुलिस द्वारा की गई तोड़फोड़ के आरोपों को थानाध्यक्ष रौनापार तारकेश्वर राय ने बेबुनियाद करार दिया है। बताया कि पुलिस ने गांव में किसी के घर तोड़फोड़ नहीं की, बल्कि पुलिस पर दबाव बनाने और मुकदमे से बचने के लिए ग्रामीणों द्वारा ही तोड़फोड़ की गई है। हां, आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
मामला ये था की
रौनापार थाना क्षेत्र मंगरी बाजार में मंगलवार को मऊ कुतुबपुर के डा. आनंद विश्वास के पुत्र और पलिया गांव के कुछ लोगों के बीच लड़की से बात करने के विवाद को लेकर मारपीट हो गई थी।
रौनापार पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने पलिया गांव के प्रधान पति मुन्ना पासवान को दो-तीन थप्पड़ जड़ दिया। यह देख गांव के लोगों ने सिपाही विवेक त्रिपाठी और मुखराम यादव मारपीट कर घायल कर दिया था।
सिपाहियों पर हमले की खबर मिलने पर थानाध्यक्ष रौनापार फोर्स के साथ गांव में पहुंचे और घायल सिपाहियों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।
आरोपितों की धरपकड़ शुरू हुई तो पुरुष रात में ही घर से फरार हो गए। रात में लगभग नौ बजे कई थानों की पुलिस और उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच गए।
लोगो का आरोप है
जेसीबी मंगवाकर मुन्ना पासवान, स्वतंत्र पासवान, राजपति और बृजभान पासवान सहित आधा दर्जन लोगों के घरों पर जबरदस्त तोड़फोड़ की गई। घरों में लगी खिड़की, दरवाजे और दीवार पुलिस ने ढहवा दिया।मकान में रखा एक-एक सामान हथौड़े से तोड़ डाले। प्रधान के घर के सामने खड़े ट्रैक्टर को भी जेसीबी से क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
पुरे मामले में भयंकर जान आक्रोश है मलमा ट्वीटर पर भयंकर ट्रैंड कर रहा है