प्रबंधन के कार्यो के लिए आवश्यकतानुसार एमबीए उपाधिधारक युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात पर चर्चा की. टीम-9 के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों की कमी के मद्देनजर अस्पतालों में तैनात चिकित्सक प्रशासनिक कार्यों से मुक्त होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि डॉक्टर केवल इलाज से संबंधित काम ही करेंगे. मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अस्पतालों में तैनात चिकित्सक प्रशासनिक कार्य से मुक्त होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि एमबीए पास युवाओं को दिया जाएगा.
बताते चलें कि शुक्रवार को भी मुख्यमंत्री ने टीम-9 के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने जरूरी दिशा-निर्देश दिए.
इस व्यवस्था के लागू होने से प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ ही अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े दफ्तरों में मैनेजमेंट के कार्यों के लिए एमबीए के छात्रों को मौका दिया जाएगा। यानी अब सीएमओ, अस्पतालों के डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, सीएमएस जैसे पदों पर एमबीए पासआउट छात्र इनका काम संभालेंगे।
प्रदेश में 500 से ज्यादा डॉक्टर प्रशासनिक कार्यों में तैनात है। पीएमएस संघ के मुताबिक प्रदेश में 18700 डॉक्टरों के पद है, जिसमें से 6500 पद खाली हैं। जो पद भरे हैं, उनमें से 500 से अधिक डॉक्टर अस्पतालों का प्रशासनिक काम संभाल रहे हैं।
उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि कोविड केस कम होने के बाद अस्पतालों में ओपीडी व आईपीडी सेवाएं, सर्जरी आदि शुरू की गई हैं, किंतु वही लोग अस्पताल आएं, जिनकी स्थिति गंभीर हों। घर से बाहर कम से कम निकलें। यथासंभव टेलीकन्सल्टेशन का उपयोग करें। सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला स्तरीय अस्पतालों में टेलीकन्सल्टेशन की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। अधिकाधिक डॉक्टरों को इससे जोड़ा जाए। लोगों को इस सेवा के उपयोग के लिए जागरूक किया जाए।