झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 250 किलोमीटर दूर एक ज़िला है. नाम है जामताड़ा. फ़िशिंग यानी बैंक फ़्रॉड और ऑनलाइन स्कैम का हब बन चुका है. चर्चा इतनी है कि नेटफ़्लिक्स पर ‘जामताड़ा – सबका नम्बर आएगा’ नाम की वेब सीरीज़ तक आ चुकी है. मगर हम आज अचानक से इस कुख्यात ‘फ़िशिंग कैपिटल ऑफ़ इंडिया’ का ज़िक्र क्यों कर रहे हैं? हुआ ये है कि जामताड़ा के स्कैम मास्टरों ने ई-सिम (eSIM) फ़्रॉड को जन्म दिया है, जो चुटकियों में आपके सारे के सारे बैंक अकाउंट को खाली कर सकता है.
ई–सिम ऐक्टिवेट होने के बाद उन्हें QR कोड भेजा जाता है. इस QR कोड को किसी भी तरीक़े से साइबर क्रिमिनल्स हासिल कर लेते हैं और अपने ई–सिम सपोर्ट वाले फ़ोन में इसे ऐक्टिवेट कर लेते हैं. इसके बाद असली कस्टमर का फ़िज़िकल सिर डीऐक्टिवेट कर दिया जाता है. इसके बाद नंबर से जुड़े जितने भी अकाउंट हैं उन्हें स्कैन किया जाता है.
ई-सिम फिशिंग फ्रॉड के जरिए साइबर क्रिमिनल्स आपके अकाउंट से पैसे चुरा सकते हैं. इससे बचने के लिए आपको सावधान रहने की जरूरत है और ये भी समझना जरूरी है कि ये फ्रॉड होता कैसे है.
सिम स्वैपिंग के बाद अब ई-सिम फिशिंग फ्रॉड का ट्रेंड
साइबर क्रिमिनल्स लोगों को कॉल करके कर रहे हैं ये फ्रॉड
ई-सिम ऐक्टिवेशन के बारे में भ्रम फैला कर किया जाता है फ्रॉड झारखंड के जामताड़ा में काफी समय से क्रेडिट और डेबिट कार्ड फ्रॉड चल रहा है. बीच बीच में ये फ़्रॉड कम तो होता है, लेकिन अब तक इस पर पूरी तरह से शिकंजा नहीं कसा जा सका है. हाल ही में जामताड़ानाम से एक Netflix की सीरीज़ भी आई थी.
एक बार फिर से जामतड़ा से फ़्रॉड की ख़बर है. लेकिन इस बार ई-सिम फिशिंग फ्रॉड हो रहे हैं. आइए जानते हैं ये ई-सिम फ्रॉड क्या है और आप इसका शिकार होने से कैसे बच सकते हैं।
ई-सिम फ़्रॉड नया नहीं है और काफ़ी पहले से ही भारत में ई-सिम फ्रॉड के ज़रिए लोगों के पैसे उड़ाए जाते हैं. पहले जानते हैं ई-सिम क्या है?
e-Sim क्या है?
मोटे तौर पर समझें तो दो तरह के सिर होते हैं. एक फ़िज़िकल और दूसरा वर्चुअल. फ़िज़िकल सिम वो है जो आप अपने फ़ोन के कार्ड स्लॉट में लगाते हैं. लेकिन ई-सिम आपको फ़ोन में लगाना नहीं होता है और ये आपके फ़ोन में पहले से ही इनबिल्ट होता है.
हालांकि भारत में चुनिंदा कंपनियां ही ई-सिम की सर्विस देती हैं. ई-सिम सपोर्ट सिर्फ़ मोबाइल में होने से नहीं होता, बल्कि इसके लिए नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर को भी सपोर्ट देना होता है.
जैसे फ़िज़िकल सिम के साथ आप किसी टेलीकॉम कंपनी का प्लान यूज करते हैं, इसी तरह ई-सिम के साथ ही. अगर आप जियो या एयरटेल का ई-सिम लेना चाहते हैं तो प्लान भी उन्हीं कंपनियों के होंगे.